सास्तर में लिक्यो तको हे, “परमेसर वाँने बना चेता की आत्मा दिदी। ‘अस्यान की आक्याँ दिदी ज्याँने दिके कोयने। अन अस्यान का कान्दड़ा दिदो ज्यो हुण ने सके।’ अन आ दसा अबाणू तईं बणी तकी हे।”
काँके परमेसर वणा हरग दुताँ ने जी पाप करिया हा, वाँने भी ने छोड़्या अन वाँने पाताळ में अंदारा की कोटड़ी में नाक दिदा हे, ताँके वीं न्याववाळा दन तईं वटे पड़्या रे।
ईं मनक आपणाँ बुरा का जस्यान फेलाई, जस्यान तोफान की लेराऊँ समन्द जाग फेके हे। ईं अस्यान का तारा हे जी एक जस्यान ने चाले हे, ज्याँका वाते जुग-जुग तईं बळबा वाते वादी बणईगी हे।