15 जणीऊँ मूँ थाँ रोम में रेबावाळा में भी हव हमच्यार को परच्यार करबा का वाते लळक राकूँ हूँ।
ईं वाते खेत का मालिक परमेसरऊँ परातना करो के, वीं आपणाँ खेता की हाँक काटबा का वाते दानक्याँ खन्दावे।”
अणी लुगई वो काम किदो हे, ज्यो वा कर सके। अणी टेमऊँ पेल्याँई मारा सरीर ने गाड़बा वाते हव वाना को अंतर नाकन ईंने त्यार कर दिदो हे।
ईसू वाँने क्यो, “मारो खाणो ओ हे के, मूँ मने खन्दाबावाळा की मरजी पे चालूँ अन वींको काम पूरो करूँ, ज्यो वणी मने हुप्यो हे।
पण पोलुस जवाब दिदो, “थाँ अस्यान रो-रोन मारी मन काँ तोड़ रिया हो। मूँ तो परबू ईसू का नाम वाते बेस बन्दवा वातेईस ने पण मरवा के वाते भी त्यार हूँ”।
अन हुणाबावाळा ने खन्दावाँ, तो वीं कस्यान हुणा सकी? जस्यान के सास्तर में लिक्यो हे, “हव हमच्यार हुणाबावाळा का पग करता हुवावणा हे।”
जटे तईं वेवे, हाराई मनकाँ का हाते सान्तीऊँ रेवो।
मारी हमेस्यान आ मनसा हे के, मूँ हव हमच्यार को परच्यार वटे करूँ, जटे कुई मसी को नाम भी ने जाणे, ईंकी वजे आ हे के, मूँ कुई दूजाँ मनक की नाकी तकी नीम पे सणई ने करूँ।
काँके यद्याँ आपणी मरजीऊँ ओ करूँ हूँ, तो मूँ ईनाम के जोगो हूँ, पण यो काम तो मूँ मारी जिमेदारीऊँ करूँ हूँ काँके परमेसर मने यो काम हूँप्यो हे।
काँके जस्यान देबा को मन वेवे हे वस्यानीस वींको दान गरेण किदो जावे हे। मारो केणो हे के, जतरोक वे वतरो दे दिज्यो वणीऊँ बड़न मती देज्यो।