जद्याँ चोते हरग-दुत रणभेरी बजई, तो एक तीहाई सुरज, चाँद अन तारा पे विपती आई। ईं वजेऊँ वाँको एक तीहाई भाग काळो पड़ग्यो। जिंका वजेऊँ एक तीहाई दन अन रात में अन्दारो वेग्यो।
पेले हरग-दुत जस्यानी रणभेरी बजई, वस्यानई लुई वाळा गड़ा अन वादी दिकई दिदी अन वाँने धरती पे फेंक दिदा। जणीऊँ धरती को एक तीहाई भाग बळग्यो। एक तीहाई रूँकड़ा बळ ग्या अन हाराई लिलो चारो भी बळग्यो।
तो वणा च्यारई दुताँ ने खोल दिदा ग्या, ईं वीं हरग-दुत हा, जिंने वीं टेम, वीं दन, वीं मिना अन वीं वर वाते त्यार कर मेल्या, जणीऊँ वीं एक तीहाई मनकाँ ने मार नाके।
मने वीं दरसावा में वीं घोड़ा अन वणापे जो सवार हा, वीं दिकई दिदा, वाँका जिलम वादी की जस्यान लाल, तेजाब की जस्यान पिळी अन गेरा निळा रंग की ही। अन वाँका घोड़ा का माता नार का माता का जस्यान हा। अन वाँका मुण्डाऊँ वादी, धूवो अन तेजाब निकळरियो हो।