6 तो वीं हरग-दुत ज्याँका नके हात रणभेरियाँ हा, वीं वाँने बजाबा का वाते त्यार वेग्या।
बना हाज्या की रोट्याँ को तेवार के पेला दन, चेला ईसू का नके आन पूँछबा लागा, “थूँ कई छावे के, माँ थाँरा वाँते फसे का खाणा की त्यारी कटे करा?”
में परमेसर का हामे हात हरग दुताँ ने देक्या। वाँने हात रणभेरियाँ दिदी गी ही।