वो मन्दर परमेसर की मेमा अन वींकी तागत का धूवाऊँ भरियो हो, जणीऊँ वीं हातई हरग-दुत के हाताई विपत्याँ को काम पूरो ने वे जावे, तद्याँ तईं वीं मन्दर में कुई भी ने जा सके।
ईंके केड़े एक ओरी हरग-दुत होना को धुपदान लेन आयो अन वेदी का नके ऊबो वेग्यो। वींने धरमिया की परातना का हाते होना की वेदी पे जो गादी का हामे ही, वींपे चड़ाबा का वाते नरोई धुप दिदो।