वणी आपणाँ पूँछऊँ फळेटो मारन आकासऊँ एक तीहाई तारा ने रेटे फेंक दिदा। अन वो वीं लुगई का हामे ज्या बाळक जनमबा वाळी ही ऊबो वेग्यो जणीऊँ जद्याँ वाँ बाळक जनमे तो वो वींने निगळजा।
पेले हरग-दुत जस्यानी रणभेरी बजई, वस्यानई लुई वाळा गड़ा अन वादी दिकई दिदी अन वाँने धरती पे फेंक दिदा। जणीऊँ धरती को एक तीहाई भाग बळग्यो। एक तीहाई रूँकड़ा बळ ग्या अन हाराई लिलो चारो भी बळग्यो।
तो वणा च्यारई दुताँ ने खोल दिदा ग्या, ईं वीं हरग-दुत हा, जिंने वीं टेम, वीं दन, वीं मिना अन वीं वर वाते त्यार कर मेल्या, जणीऊँ वीं एक तीहाई मनकाँ ने मार नाके।