ईं मनक आपणाँ बुरा का जस्यान फेलाई, जस्यान तोफान की लेराऊँ समन्द जाग फेके हे। ईं अस्यान का तारा हे जी एक जस्यान ने चाले हे, ज्याँका वाते जुग-जुग तईं बळबा वाते वादी बणईगी हे।
वणा हात तारा ने जिंने थें मारा जीमणा हात में देक्या हा अन वाँ हात होना का दिवा को भेद ओ हे के, वीं हात तारा हातई मण्डळ्याँ का हात दुताँ ने दिकावे अन वीं हात दिवा हातई मण्डळ्याँ ने दिकावे हे।
वणी आपणाँ पूँछऊँ फळेटो मारन आकासऊँ एक तीहाई तारा ने रेटे फेंक दिदा। अन वो वीं लुगई का हामे ज्या बाळक जनमबा वाळी ही ऊबो वेग्यो जणीऊँ जद्याँ वाँ बाळक जनमे तो वो वींने निगळजा।
वो जोरऊँ बोलरियो हो, “परमेसरऊँ दरपो अन वाँकी जे-जेकार करो। काँके वाँके न्याव करबा को टेम आग्यो हे। वींका भजन गावो करो। ज्यो धरती, आकास, समन्द अन पाणी का हीरा ने बणई हे।”
पेले हरग-दुत जस्यानी रणभेरी बजई, वस्यानई लुई वाळा गड़ा अन वादी दिकई दिदी अन वाँने धरती पे फेंक दिदा। जणीऊँ धरती को एक तीहाई भाग बळग्यो। एक तीहाई रूँकड़ा बळ ग्या अन हाराई लिलो चारो भी बळग्यो।
तो वणा च्यारई दुताँ ने खोल दिदा ग्या, ईं वीं हरग-दुत हा, जिंने वीं टेम, वीं दन, वीं मिना अन वीं वर वाते त्यार कर मेल्या, जणीऊँ वीं एक तीहाई मनकाँ ने मार नाके।