पण आपणाँ में जड़ ने पकड़बा का मस वीं थोड़ाक दनईस रेवे हे, अन जद्याँ परमेसर पे विस्वास करबा की वजेऊँ मनक वाँकाऊँ हव वेवार ने राके अन हतावे तो वीं विस्वास करणो छोड़ देवे हे।
पण, वो सन्देसो वाँका मन में जड़ ने पकड़े, ईं वाते वीं थोड़ीक देर रूके अन जद्याँ ईं सन्देसा का मस वाँका पे दुक अन हताव आवे, तद्याँ वीं फटाकऊँ आपणाँ विस्वासऊँ छेटी वे जावे हे।
काँके सुरज को तावड़ा चारा ने बाल देवे हे। जणीऊँ वाँका फुल पता जड़ जावे हे अन वो बड़या ने दिके। अस्यान ईं अमीर मनक भी आपणाँ दोड़भाग का जीवन में एक दन नास वे जावे हे।