14 में वणीऊँ क्यो, “हे मालिक, थाँ तो जाणोई हो।” तो वणा माराऊँ क्यो, “ईं वीं मनक हे जी कळेस जेलन आया हे अन अणा आपणाँ गाबा ने उन्याँ का लुईऊँ धोन धोळा किदा हे।
ईं वाते माँ खुद ईं परमेसर की मण्डली में थाँका पे मेपणो करा हा, काँके जतरा भी दुक अन कळेस हाँ, वाँने थाँ जेल्या, ईं हारी बाताँऊँ थाँके धीरज अन विस्वास का बारा में पतो चाले हे।
आ बात हाँची हे तो मसी को लुई कतरो जोरावर वेई? जणी अनंत आत्माऊँ खुद ने निरदोस बली का रूप में हमेस्या वाते परमेसर के चड़ा दिदो। वींके अस्यान करबाऊँ अन वींके लुईऊँ आपाँने मोत का आड़ीऊँ लेन जाबावाळा करमाऊँ आपणाँ मन सुद कर करी, ताँके आपाँ जीवता परमेसर की सेवा कर सका।
अन यद्याँ आपाँ केवा के, आपाँ वींके हाते उजिता में हा अन वींके जस्यानीस उजिता में चाला हा, तो आपाँ एक विस्वासी का जस्यान एक-दूजाऊँ मलन रेवा हा अन परमेसर का बेटा ईसू मसी को खून आपणाँ हाराई पाप ने धो देवे हे।
ईंका केड़े मने काँस का जस्यान को समन्द नजर आयो वो अस्यान दिक्यो हो जस्यान के, वींके मयने वादी वेवे। जी मनक वीं डरावणा जनावर की मूरती अन वींका नाम का नम्बरऊँ जितग्या हा, वाँने वीं काँस का समन्द पे ऊबा तका देक्यो। वणा का नके परमेसर का आड़ीऊँ दिदी तकी रणभेरी ही।
थें जीं कळेस जेल्या हा, वींके बारा में अन थाँकी गरीबी ने जाणूँ हूँ, तो भी थाँ हाँची में धनी हो। जी मनक खुद ने यहूदी केवे हे पण वीं हाँची में कोयने हे, वीं तो सेतान की मण्डली हे, वीं थाँरी बुरई करे हे वींके बारा में मूँ भी जाणूँ हूँ।
वीं एक नुवो गीत गाबा लागा हा के, “थाँ ईं किताब ने अन ईंपे लागी तकी मोराँ ने खोलबा जोगो हो, काँके थाँ बली चड़न थाँका लुईऊँ हाराई कुल का मनकाँ ने, हारी बोली बोलबावाळा ने, हारी जात्या का मनकाँ ने परमेसर वाते मोल लिदो हे।
ईंका केड़े में कई देक्यो के, मनकाँ का मोटी भीड़ हे जिंने कुई भी गण ने सके, वीं भीड़ में हारी जात्या का, हाराई कुल का, हारी बोली बोलबावाळा अन हाराई देसा का मनक हा, वीं वणी गादी अन उन्याँ का हामे ऊबा हा, वणा धोळा गाबा पेर मल्या हा अन हाताँ में खजुर की डाळ्याँ ले राकी ही।