1 ईंका केड़े में च्यार हरग दुताँ ने धरती का च्यारई खुणा में ऊबा तका देक्या, वीं च्यारई खुणाऊँ आबावाळा बईरो ने ठाम मेल्यो हो, जणीऊँ ईं धरती का रूँकड़ा के अन समन्द में बईरो ने चाल सके।
जणीऊँ वो वणा जात्या का नके ज्या धरती का च्यारूँमेर जाई, ज्याँने गोग अन मागोग क्यो जावे हे, जणाकी गणती समन्द की रेत की कण का बराबर वेई, वो वाँने भरमान लड़ई करबा का वाते भेळा करबा का वाते जाई।
अन में वणा च्यारई जीवता जीव का बचमें मेंऊँ ओ हेलो हुण्यो, “आबावाळा टेम में धरती पे काळ पड़ी, वीं टेम में एक दन की दानकी में एक दन का खावा अतराक गऊँ कन एक दन की दानकी में तीन दनाँ खावा अतराक जो मली, पण जेतुन का तेल अन अंगूरा को रस को भाव ने बदली।”
पेले हरग-दुत जस्यानी रणभेरी बजई, वस्यानई लुई वाळा गड़ा अन वादी दिकई दिदी अन वाँने धरती पे फेंक दिदा। जणीऊँ धरती को एक तीहाई भाग बळग्यो। एक तीहाई रूँकड़ा बळ ग्या अन हाराई लिलो चारो भी बळग्यो।