3 अन जद्याँ वणी उन्ये दूजी मोर खोली, तो में दूजाँ जीवता जीव ने अस्यान बोलते तको हुण्यो, “आ।”
तद्याँ वीं रुकाळ्या ने हाते लेन पराग्या। अन भाटा पे मोर लगान कबर की रुकाळी किदी।
पेलो जीवतो जीव नार की जस्यान, दूजो बळद की जस्यान, तीजा को मुण्डो मनक की जस्यान हो अन चोतो उडता तका खुरसावणा का जस्यान हो।
में देक्यो के, वणी उन्ये वणा हात मोराँ मेंऊँ एक मोर खोली। तो वाँ च्यार जीवता जीव मेंऊँ एक ने में वादळा की गाजबा की अवाज का जस्यान ओ केतो तको हुण्यो, “आ।”
वींके केड़े जद्याँ उन्ये हातवी मोर खोली, तो आदा घण्टा तईं हरग में सनाटो वेग्यो।