ज्यो वटे बेटो तको हो, वींको मुण्डो लाल मणी अन लाल हीरा का जस्यान चमकरियो हो, अन वींके च्यारूँमेर बादळा को धनुस हो, ज्यो हरा रंग का हीरा पन्ना का जस्यान लागरियो हो।
वींके केड़े में हरग की, धरती की, पाताळ की, अन समन्द की हारी रचना अन बरमाण्ड का हाराई मनक की अवाज हूणी, वीं अस्यान बोलरिया हा के, “ज्यो गादी पे बेट्यो हे वींकी अन उन्याँ की मेमा, मान, अन धन्नेवाद अन वींको राज जुग-जुग रेवे।”
में देक्यो के, वणी उन्ये वणा हात मोराँ मेंऊँ एक मोर खोली। तो वाँ च्यार जीवता जीव मेंऊँ एक ने में वादळा की गाजबा की अवाज का जस्यान ओ केतो तको हुण्यो, “आ।”