अन वीं गादी का हामें बिल्लोर का काँस का जस्यान दिकबावाळो समन्द हो। वीं समन्द का बचमें में अन गाद्याँ का च्यारूँमेर च्यार जीवता जीव हा, वाँके आगे-पाछे आक्याँ ईं आक्याँ ही।
जद्याँ उन्ये तीजी मोर खोली, तो में वणी तीजा जीवता जीव ने अस्यान बोलतो हुण्यो, “आ।” पछे में एक काळा घोड़ा ने देक्यो। जो वींपे सवार हो, वींके हात में एक ताकड़ी ही।