तद्याँ आत्मा मने कांकड़ में लेगी, वटे में एक लुगई ने लाल रंग का डरावणा जनावर पे बेटी तकी देकी, ओ जनावर परमेसर का विरोद में बोलबा सबदाऊँ भरियो हो। वींके हात माता अन दस हिंगड़ा हा।
वो दूत मने परमेसर की आत्मा में एक मोटा अन ऊसा मंगरा पे लेग्यो, अन वणी मने पुवितर नगर नुवा यरूसलेम का दरसण कराया। वो नगर परमेसर का आड़ीऊँ रेटे उतर रियो हो।
वींके केड़े में हरग की, धरती की, पाताळ की, अन समन्द की हारी रचना अन बरमाण्ड का हाराई मनक की अवाज हूणी, वीं अस्यान बोलरिया हा के, “ज्यो गादी पे बेट्यो हे वींकी अन उन्याँ की मेमा, मान, अन धन्नेवाद अन वींको राज जुग-जुग रेवे।”