2 ईं वाते हेंचेत वो अन अणीऊँ पेल्याँ के, थाँ पुरी तरियाँ मर जावो वणा बाताँ ने जो बची तकी हे वाँने पाकी करो, काँके में मारा परमेसर की देकणी में, थाँरा कस्याई काम ने सई कोयने देक्या हे।
“वीं आपणाँ हाराई काम लोगाँ ने बतावा का वाते करे हे। वीं हात अन माता पे बांदबा वाळा आपणाँ ताबीजा ने जिंमें वीं सास्तर ने लिकता हा, वाँने मोटा करे हे अन आपणी जोळ्या ने वदावे हे। ताँके मनक वाँने धरमी हमजे।
“हूँस्यार रेज्यो! काँके मूँ चोर की जस्यान अणाचेत को आऊँ हूँ। धन्न हे वीं ज्यो जागता रेवे हे, अन आपणाँ गाबा हमाळी राके हे, जणीऊँ वीं उगाड़ा ने रेई अन मनक वाँने नांगा ने देकी।”
“सरदीस की मण्डली का दुताँ ने ओ लिक। जिंका नके परमेसर की हात आत्मा अन हात तारा हे वो अस्यान केवे हे, मूँ थाँका करम जाणूँ हूँ। थाँ जीवता तो केवावो हो, पण हाँची में मरिया तका हो।
ईं वाते जणी हिक ने थाँ हूणी ही, वींने आद करो अन आपणो मन बदलो अन वीं हिक का जस्यान चाल चालो। जद्याँ थूँ अस्यान ने करी, तो मूँ चोर का जस्यान अणाचेत को थाँरा नके अई जाऊँ अन थने पतो भी ने पड़बा देऊँ।