13 जिंके कान्दड़ा हे वीं हुणीलो के, आत्मा मण्डळ्याऊँ कई केवे हे।
ज्याँके हुणबा का वाते कान्दड़ा हे वीं हुणलो।
पछे ईसू क्यो, “जिंके हुणबा का वाते कान्दड़ा वे, वीं हुणे।”
जिंके हुणबा का वाते कान्दड़ा हे, वीं हुणे।”
जिंके हुणबा का वाते कान्दड़ा हे, वीं हुणे।
अन थोड़ाक बीज हव जगाँ में पड़्या, अन वीं उग्या अन हो गुणा फळ लाया।” यो केन वणा ज्योरऊँ क्यो, “जिंके हुणबा का वाते कान्दड़ा हे, वीं हुणे।”
जिंके कान्दड़ा हे वीं हुणीलो के, आत्मा मण्डळ्याऊँ कई केवे हे। ज्यो भी जिती वींने दूँजी मोत कोयने जेलणी पड़ी।
जिंके कान्दड़ा हे वीं हुणीलो के, आत्मा मण्डळ्याऊँ कई केवे हे। ज्यो भी बुरईऊँ जिती मूँ वींने परमेसर का बाग में जीवन का रूँकड़ा का लाग्या तका फळ खाबा को हक देऊँ।
जिंके कान्दड़ा हे वीं हुणीलो के, आत्मा मण्डळ्याऊँ कई केवे हे।