अन हरेक खेल में हरेक खिलाड़ी हरेक तरियाऊँ खुद ने काबू में राकणो पड़े हे, वीं तो ओ हारोई एक नास वेबावाला मुकट पाबा का वाते करे हे पण आपाँ तो वणी मुकट का वाते करा हा ज्यो कदी कमलाई कोयने।
अन अबे वटे परमेसर का हाते जीत को ईनाम मारी वाट नाळरियो हे, जिंने धरमी अन खरा न्याव करबावाळा परबू आकरी दन में मने देई। मने एकला नेईस ने, पण वाँ हाराई ने भी ज्यो परेम का हाते वींके परगट वेबा की वाट नाळे हे।
वीं मनक धन्न हे जीं परमेसर का ईं दरसावा की किताब का संदेसा ने भणे अन हुणे अन ईंका मयने जो बाताँ लिकी तकी हे, वाँके जस्यान चाले हे। काँके वाँ टेम नके हे, जद्याँ ईं बाताँ पुरी वेई।
“हूँस्यार रेज्यो! काँके मूँ चोर की जस्यान अणाचेत को आऊँ हूँ। धन्न हे वीं ज्यो जागता रेवे हे, अन आपणाँ गाबा हमाळी राके हे, जणीऊँ वीं उगाड़ा ने रेई अन मनक वाँने नांगा ने देकी।”
जो दुक थने जेलणो हे वणीऊँ मती दरप, काँके सेतान थाँका मेंऊँ घणा ने परकबा का वाते जेल में नाक देई। थने वटे दस दनाँ तईं दुक जेलणो पड़ी, पण थूँ हाँचो रेज्ये पलई थाँरी मोत ईं कानी वे जावे। तो मूँ थने जुग-जुग का जीवन को मुकट देऊँ।
मूँ जाणूँ हूँ के, थूँ वटे रेवे हे जटे सेतान की गाद्दी हे। अन मारा ईं नाम पे विस्वास करे हे जद्याँ के, थाँरा नगर में मारो विस्वास जोगो दास अन्तिपास वटे मारिया ग्यो, जटे सेतान की जगाँ हे। तो भी थूँ विस्वासऊँ ने छेटी व्यो।
ईं वाते जणी हिक ने थाँ हूणी ही, वींने आद करो अन आपणो मन बदलो अन वीं हिक का जस्यान चाल चालो। जद्याँ थूँ अस्यान ने करी, तो मूँ चोर का जस्यान अणाचेत को थाँरा नके अई जाऊँ अन थने पतो भी ने पड़बा देऊँ।