ईं मनक कूँवारा हा अन ने ईं कणी लुगई का हाते कदी हूँता। अन जटे वीं उन्यो जातो ईं वींके हाते वे जाता। ईं परमेसर का वीं पेला फळ हे, ज्याँने मोल देन छुड़ाया ग्या हा।
वीं मनक परमेसर का दास मूसा अन उन्याँ का गीत गारिया हा, “वीं घणा मोटा काम हे ज्याँने थाँ करता रेवो हो। थाँका काम अचम्बा का हे अन थाँकी तागत जुग-जुग तईं हे। परबू परमेसर, थाँको गेलो हाँचो अन धरम का कामाँऊँ भरियो हे, थाँ हारी जात्या का राजा हो।
ईं सेतान की आत्मा ही, वणामें चमत्कार करबा की तागत ही। अन ईं हाराई दनियाँ का राजा ने भेळा करबा का वाते चालन पड़ी, जणीऊँ वीं हाराई राजा ने परमेसर का हामे लड़बा का वाते आकरी दन भेळा करे।
पापी ने मारबा का वाते वींके मुण्डाऊँ एक तीकी तरवारऊँ बारणे निकळरी ही। वो लोड़ा की लाटी की जोर पे वाँका पे राज करी अन सर्वसक्तिमान परमेसर की गुस्सा की सुल में वाँने अस्यान गूंदी जस्यान अंगूर ने कुण्ड में गुँदे।
ईं वजेऊँ ईं परमेसर का गादी का हामे ऊबा हे अन वाँके मन्दर में रात-दन वाँकी भगती करता रेवे हे, ईं वाते ज्यो गादी पे बेट्या तका हे वो वाँका में वास करतो तको वाँने बंचाई।
काँके ज्यो उन्यो गादी का बचमें में हे वो वाँकी रुकाळी करी। अन वो वाँने जीवन देबावाळा पाणी की सोता का नके लेन जाई अन परमेसर वाँकी आक्याँ का हाराई आसूँ पुछ देई।”