वीं मनक गादी का हामें, च्यारई जीवता जीव का हामे अन पुरवजाँ का हामे नुवो गीत गारिया हा। अन ईं गीत ने वीं एक लाक चमालिस हजार मनक ज्याँने धरती का बन्धनऊँ छुड़ाया ग्या हा, वाँने छोड़न कुई भी ओ गीत ने हिक सकतो हो।
वीं नगर ने हमचोरस बसायो तको हो अन वींकी लम्बाई अन चोड़ाई बराबर ही अन वणी वीं जरीऊँ नगर ने माप्यो, तो हाड़ा हात स्ये कोस को निकळ्यो, वींकी लम्बाई अन चोड़ाई अन ऊँचाई बराबर ही।
पछे वणा हाताँ दुताँ का नके आकरी हात विपत्याऊँ भरिया तका हात प्याला हा, वणा मेंऊँ एक मारा नके आयो अन माराऊँ बात करन क्यो, “अटे आ, मूँ थने वणी लाड़ी ने बताऊँ, ज्याँ उन्याँ की लुगई हे।”