वो मन्दर परमेसर की मेमा अन वींकी तागत का धूवाऊँ भरियो हो, जणीऊँ वीं हातई हरग-दुत के हाताई विपत्याँ को काम पूरो ने वे जावे, तद्याँ तईं वीं मन्दर में कुई भी ने जा सके।
ईंका केड़े वीं हरग-दुत मने जीवन देबावाळा पाणी की एक नंदी बतई। वाँ नंदी बिल्लोर का काँस जस्यान चमकती तकी पुवितर ही। वा नंदी परमेसर अन उन्याँ का वटेऊँ निकळन नगर की हड़क का वसा-वस वेती ही।
ज्यो वटे बेटो तको हो, वींको मुण्डो लाल मणी अन लाल हीरा का जस्यान चमकरियो हो, अन वींके च्यारूँमेर बादळा को धनुस हो, ज्यो हरा रंग का हीरा पन्ना का जस्यान लागरियो हो।
अन वीं गादी का हामें बिल्लोर का काँस का जस्यान दिकबावाळो समन्द हो। वीं समन्द का बचमें में अन गाद्याँ का च्यारूँमेर च्यार जीवता जीव हा, वाँके आगे-पाछे आक्याँ ईं आक्याँ ही।