काँके परमेसर वणा हरग दुताँ ने जी पाप करिया हा, वाँने भी ने छोड़्या अन वाँने पाताळ में अंदारा की कोटड़ी में नाक दिदा हे, ताँके वीं न्याववाळा दन तईं वटे पड़्या रे।
ईंका केड़े में हरगऊँ एक जोरावर हरग-दुत ने रेटे उतरतो देक्यो। वींके च्यारूँमेर वादळा हा, वींके मातो का नके मेघ धनुस हो। वींको मुण्डा सुरज की जस्यान चमकरियो हो अन वींका पग वादी का थाम्बा का जस्यान हा।
वो वींने मोटा पाताळ में नाक दिदो अन वींके ऊपरे मोर लगा दिदी के, ओ एक हजार वरा तईं मनकाँ ने ने भरमाई, पण ईंका केड़े थोड़ाक टेम का वाते ईंने छोड़ दिदो जाई।