6 पण थाँरा में एक बात हे थूँ नीकुलइया का जस्यान जूट का कामऊँ नपरत करे हे, जणीऊँ मूँ भी नपरत करूँ हूँ।
जिंके कान्दड़ा हे वीं हुणीलो के, आत्मा मण्डळ्याऊँ कई केवे हे। ज्यो भी बुरईऊँ जिती मूँ वींने परमेसर का बाग में जीवन का रूँकड़ा का लाग्या तका फळ खाबा को हक देऊँ।