जिंके कान्दड़ा हे वीं हुणीलो के, आत्मा मण्डळ्याऊँ कई केवे हे। ज्यो भी जिती, मूँ वाँने हरग में हपायो तको मन्नो देऊँ। मूँ वाँने एक धोळो भाटो भी देऊँ, जिंका ऊपरे एक नुवो नाम लिक्यो तको वेई। वो नाम वीं मनक का छोड़न कुई ने जाणी, जिंने वो दिदो जाई।
जिंके कान्दड़ा हे वीं हुणीलो के, आत्मा मण्डळ्याऊँ कई केवे हे। ज्यो भी बुरईऊँ जिती मूँ वींने परमेसर का बाग में जीवन का रूँकड़ा का लाग्या तका फळ खाबा को हक देऊँ।
वीं धन्न अन पुवितर हे ज्यो ईं पेला पुनरुत्थान का भागी बणी, अणापे दूजो मोत को कई अदिकार ने, पण ईं परमेसर अन मसी का याजक वेई, अन वींके हाते एक हजार वर तईं राज करी।
पण दरपण्या अन बना विस्वासवाळा, भरस्ट, हत्यारा अन कुकरमी, जादु-टोना करबावाळा, मूरती पुजबावाळा, अन हाराई जूट बोलबावाळा को भाग वीं कुण्ड में मली ज्यो हमेस्यान बळतो रेवे हे। या दूजी मोत हे।”
ज्यो भी जिती वींने मूँ परमेसर का मन्दर को थम्बो बणाऊँ। अन वींके केड़े, वो कदी बारणे ने जाई। मूँ वींपे मारा परमेसर को नाम लिकूँ। मूँ वींपे नुवो यरूसलेम को नाम लिकूँ, जो परमेसर का हरगऊँ उतरबावाळो हे। मूँ वींपे मारो नुवो नाम भी लिकूँ।
ज्यो भी जिती, वीं अस्याईस धोळा गाबा पेरी। मूँ जीवन की किताब मेंऊँ वाँका नामने ने वगाड़ूँ, पण वाँका नाम ने बापू परमेसर अन वींका हरग दुताँ का हामे मान लेऊँ के, ईं मारा हे।