8 वींने ऊजळा अन चमकण्यो मखमल पेरबा ने दिदो ग्यो हे। ओ मखमल परमेसर का पुवितर मनकाँ की धरम का काम ने दिकावे हे।”
वटे वाँका हामे ईसू को रूप बदलग्यो, अन वींका मुण्डो सुरज का जस्यान गाबा उजिता का जस्यान चमकबा लागा।
अन राजा वींकाऊँ क्यो, ‘भई, थूँ अटे बना ब्याव का गाबा पेरिया कस्यान आग्यो?’ अन वो कई भी ने बोल्यो।
वींका गाबा अस्या चमकरिया हा धोळा-फट। जस्यान ईं धरती पे कस्यो भी धोबी अतरा ऊजळा ने धो सके।
तद्याँ वे ईं बातऊँ दरप अन संका में आगी ही अन देको अणाचेत का वाँका नके चमकता तका गाबा पेरियाँ तका दो मनक आन ऊबा वेग्या।
जद्याँ वे लोग-बाग ईसू ने हरग में जाता तका देकरिया हा, वीं दाणइस वटे धोळा गाबा पेरिया तका दो जणा वाँका बचमें परगट वेग्या।
पण परबू ईसू मसी का हाव-भाव ने धारण करलो, अन आपणाँ पापी वेवार ने अन मन की मरजी ने काबू में राको।
हाराई विस्वास्याँ का वाते ईसू मसी में विस्वास का हाते बना भेद-भाव करिया परमेसर का आड़ीऊँ मलबावाळी धारमिकता परगट किदी गी हे।
परबू थाँकाऊँ हाराई मनक दरपता रेई। हाराई मनक थाँको नाम लेन जे-जेकार करी, काँके खाली थाँईस पुवितर हो। हारी जात्या का मनक थाँका नके भेळा व्या हे वीं थाँकी भगती करी। काँके थाँका किदा तका काम हामे हे, अन हो परबू थाँ ज्या भी करो हो, वो न्याव हे।”
अन वींके मयनेऊँ वीं हातई हरग-दुत ज्याँका नके आकरी हात विपत्याँ ही, बारणे आया। वणा साप ऊजळा अन चमकता तका गाबा पेर मल्या हा अन आपणी छाती पे होना का पट्टा बांद मेल्या हा।
धोळा घोड़ा पे सवार परमेसर की फोज वींके पाछे-पाछे वेरी ही। वणा पुवितर अन धोळा मखमल का गाबा पेर मल्या हा।
ईं वाते मूँ थने सला देरियो हूँ के, थूँ माराऊँ हव होनो लेन रिप्यावाळा बणजा। पेरबा वाते धोळा गाबा भी लिले, जणीऊँ थाँरो नागोपणो ढकी जावे, ताँके थाँरो तमासो ने बणे। थाँरी आक्याँ में लगाबा का वाते दवा(सुरमो) लिले, जणीऊँ थने दिकबा लाग जावे।