तद्याँ में देक्यो के, मारी हामे सिय्योन मंगरी पे उन्यो ऊबो हे। वींके हाते एक लाक चमालिस हजार मनक हा, ज्याँका माता पे वींको अन वींका बापू को नाम लिक्यो तको हो।
वीं उन्याँऊँ लड़ी, पण वो उन्यो आपणाँ बलाया तका, चुण्या तका अन आपणाँ गेले चालबावाळा मनकाँ ने हाते लेन वींने हरा देई, काँके वो उन्यो राजावो को भी राजा अन परबू को भी परबू हे।”
तद्याँ में हरग ने खुल्यो देक्यो अन वटे कई देकूँ हूँ के, एक धोळो घोड़ा हे। अन वींके ऊपरे ज्या सवार हे वो विस्वास जोगो अन हाँचो हे, काँके वो हाँच का हाते न्याव को फेसलो अन लड़ई करतो हो।
ईंका केड़े में कई देक्यो के, मनकाँ का मोटी भीड़ हे जिंने कुई भी गण ने सके, वीं भीड़ में हारी जात्या का, हाराई कुल का, हारी बोली बोलबावाळा अन हाराई देसा का मनक हा, वीं वणी गादी अन उन्याँ का हामे ऊबा हा, वणा धोळा गाबा पेर मल्या हा अन हाताँ में खजुर की डाळ्याँ ले राकी ही।