तद्याँ आत्मा मने कांकड़ में लेगी, वटे में एक लुगई ने लाल रंग का डरावणा जनावर पे बेटी तकी देकी, ओ जनावर परमेसर का विरोद में बोलबा सबदाऊँ भरियो हो। वींके हात माता अन दस हिंगड़ा हा।
वणी लुगई लाल रंग का बेगनी गाबा पेर मेल्या हा। वाँ हीरा मोत्याऊँ अन होना, चाँदीऊँ खुद को सिगार कर मेल्यो हो। वींके हात में होना को प्यालो हो, जिंका में बुरी बाताँ अन कुकरम की चिजाँ भरी तकी ही।