पछे वणा उपदेस देता तका क्यो, “परमेसर का बचना में ओ ने लिक्यो हे, ‘मारो घर हारई देसा का मनकाँ का वाते परातना करबा की जगाँ केवाई’ पण, थाँ ईंने ‘चोरा को ठाणो’ बणा दिदो हे।”
जस्यान के होनो, चाँदी, मखमल, बेगनी, रेसम अन किरमिजी का गाबा, वाना आबावाळी हारी लाकड़्या, हाती का दातऊँ बणी तकी चिजाँ, अनमोल टिंढका, पीतळ, लोड़ा, अन संगमरमरऊँ बणी तकी तरे-तरे की चिजाँ,
काँके वणा हाराई मनकाँ ने कुकरम का वासना को दाकरस पायो हे। अन ईं धरती का हाराई राजा वींके हाते कुकरम किदो। अन ईं धरती की हाराई लेण-देण करबावाळा, वींका भोगन विलास की वजेऊँ रिप्यावाळा वेग्या हा।”