14 “हे बाबुल नगर! जणी चिजाँ में थाँरो मन लागरियो हो, वीं हारी थने छोड़न परीगी। अन आज थाँरा नके कई भी भोग-विलास भी ने बच्यो हे। अन ने थने पाछो कदी मली।”
पण अबराम वणीऊँ क्यो, “हे बेटा, याद कर के, थें आपणाँ आकाई जीवन में हारी हव चिजाँ को भोग कर नाक्यो हे अन अणीस तरिया लाजर खराब चिजाँ को किदो। पण, अबे यो अटे सान्ती पारियो हे अन थूँ दुक में पड़न तड़परियो हे।
थाँ मनसा तो राको हो, पण थाँने मले कोयने। ईं वाते थाँ हत्या करो हो अन थाँ जलन राको हो। पछे भी थाँने कई ने मले, जणीऊँ थाँ लड़ई-जगड़ो करो हो। थाँने थाँकी मनसा की चिजाँ ईं वाते ने मले, काँके थाँ परमेसरऊँ कोयने मागो हो।