नेई थाँरा में कदी पाछो दिवा का उजितो वेई, अन नेई बींद बिदणी की अवाज हुणई देई। काँके थाँरा लेण-देण करबावाळा वोपारी धरती का परदान हा, अन थाँरा में जी जादु-टोना टोटका व्या करता हा, वणाऊँ हारी जात्या ने भटकई गी ही।
काँके वणा हाराई मनकाँ ने कुकरम का वासना को दाकरस पायो हे। अन ईं धरती का हाराई राजा वींके हाते कुकरम किदो। अन ईं धरती की हाराई लेण-देण करबावाळा, वींका भोगन विलास की वजेऊँ रिप्यावाळा वेग्या हा।”
वींके वादी में बळबा की वजेऊँ अन वींमेंऊँ धूवो निकळतो तको देकन धरती की राजा ज्यो वींके हाते कुकरम किदो हो अन वींके हाते भोग-विलास में भोगी व्या हा, तो वीं वींका वाते रोई अन छाती कुटी।