तद्याँ में समन्द का मयनेऊँ एक डरावणो जनावर ने बारणे निकळतो देक्यो। वींके दस तो हिंगड़ा अन हात माता हा। अन वणी आपणाँ हिंगड़ा पे दस राजमुकट पेर मल्या हा। वींका हरेक माता पे परमेसर को अपमान करबावाळा नाम लिक्या तका हा।
तद्याँ आत्मा मने कांकड़ में लेगी, वटे में एक लुगई ने लाल रंग का डरावणा जनावर पे बेटी तकी देकी, ओ जनावर परमेसर का विरोद में बोलबा सबदाऊँ भरियो हो। वींके हात माता अन दस हिंगड़ा हा।
तद्याँ वीं हरग-दुत माराऊँ क्यो, “थूँ अचम्बो में काँ पड़ग्यो? मूँ थने ईं लुगई अन वीं डरावणा जनावर का बारा में जिंका हात माता अन दस हिंगड़ा हे, वींको भेद बताऊँ।