3 वींके केड़े दूज्यो हरग-दुत आपणाँ प्याला ने समन्द का ऊपरे उँन्धई दिदो, जणीऊँ वींको पाणी मरिया तका मनकाँ का लुई का जस्यान वेग्यो अन समन्द में जतरा भी जीव-जनावर हा, वीं हाराई मरग्या।
तद्याँ में समन्द का मयनेऊँ एक डरावणो जनावर ने बारणे निकळतो देक्यो। वींके दस तो हिंगड़ा अन हात माता हा। अन वणी आपणाँ हिंगड़ा पे दस राजमुकट पेर मल्या हा। वींका हरेक माता पे परमेसर को अपमान करबावाळा नाम लिक्या तका हा।