ईंका केड़े परमेसर का मन्दर ने जो हरग में हे वींने खोल्यो ग्यो, अन वीं मन्दर में मने वादा वाळी पेटी दिकई दिदी। वींके केड़े विजळी चकमवा लागी अन कड़कवा की अवाज हुणई देबा लागी अन वादळा गाजबा लाग्यो, अन भूकम आबा लागो अन गड़ा पड़बा लागा।
पेले हरग-दुत जस्यानी रणभेरी बजई, वस्यानई लुई वाळा गड़ा अन वादी दिकई दिदी अन वाँने धरती पे फेंक दिदा। जणीऊँ धरती को एक तीहाई भाग बळग्यो। एक तीहाई रूँकड़ा बळ ग्या अन हाराई लिलो चारो भी बळग्यो।