8 वो मन्दर परमेसर की मेमा अन वींकी तागत का धूवाऊँ भरियो हो, जणीऊँ वीं हातई हरग-दुत के हाताई विपत्याँ को काम पूरो ने वे जावे, तद्याँ तईं वीं मन्दर में कुई भी ने जा सके।
ईंका केड़े में हरग में एक ओरी अचम्बो करबावाळो हेन्याण देक्यो, में कई देक्यो के, हात हरग-दुत हे अन वाँके नके हात विपत्याँ ही। काँके ईं आकरी नास के पूरो व्या केड़े परमेसर को गुस्सा को भी अंत वे जाई।