2 अन मने हरगऊँ जोरकी अवाज हुणई दिदी वा अवाज वेता तका जरणा का अन बिजळी का कड़कवा का जस्यान की ही, ज्या अवाज में हूणी, वाँ मानो, घणा जणा रणभेरी बजाबावाळा का जस्यान की ही।
ईंका केड़े मने काँस का जस्यान को समन्द नजर आयो वो अस्यान दिक्यो हो जस्यान के, वींके मयने वादी वेवे। जी मनक वीं डरावणा जनावर की मूरती अन वींका नाम का नम्बरऊँ जितग्या हा, वाँने वीं काँस का समन्द पे ऊबा तका देक्यो। वणा का नके परमेसर का आड़ीऊँ दिदी तकी रणभेरी ही।
अन ने थाँरा में पाछो कदी, कुई रणभेरी, वाँसळी, नरसिंगा की धुन हुणई देई। अन नेई थाँरा में पाछो कदी कुई कलाकारी करबावाळो कारीगर मली! न नेई चक्की चालबा की अवाज हुणई देई।
अन जद्याँ वणी किताब ले लिदी, तो वणा च्यारई जीवता जीव अन वीं चोवीस पुरवज वींके धोक लाग्या। वणा हाराई का नके विणा ही अन वीं वाना आबावाळी चिजाँऊँ भरिया तका होना का प्याला लेन राक मेल्या हा। यो धरमिया की परातना दिकावे हे।
में देक्यो के, वणी उन्ये वणा हात मोराँ मेंऊँ एक मोर खोली। तो वाँ च्यार जीवता जीव मेंऊँ एक ने में वादळा की गाजबा की अवाज का जस्यान ओ केतो तको हुण्यो, “आ।”
पेले हरग-दुत जस्यानी रणभेरी बजई, वस्यानई लुई वाळा गड़ा अन वादी दिकई दिदी अन वाँने धरती पे फेंक दिदा। जणीऊँ धरती को एक तीहाई भाग बळग्यो। एक तीहाई रूँकड़ा बळ ग्या अन हाराई लिलो चारो भी बळग्यो।