मूँ मसी में एक मनक ने जाणूँ हूँ, मूँ ने जाणूँ पण परमेसरइस जाणे हे। वींने चवदा वर पेल्याँ देह हमेतइस कन देह का बना हरग की तीजी ऊसी जगाँ में उठा लिदो ग्यो हो।
पापी ने मारबा का वाते वींके मुण्डाऊँ एक तीकी तरवारऊँ बारणे निकळरी ही। वो लोड़ा की लाटी की जोर पे वाँका पे राज करी अन सर्वसक्तिमान परमेसर की गुस्सा की सुल में वाँने अस्यान गूंदी जस्यान अंगूर ने कुण्ड में गुँदे।