14 पण वीं लुगई ने गरुड़ की जस्यान का दो फाकड़ा दिदा ग्या हा जणीऊँ वीं मोटा अजगर का हामेऊँ उड़न वाँ काकड़ में परी जावे, जणीऊँ हाड़ा तीन मिना तईं वींको पालण-पोसण किदो जाबावाळो हो।
तद्याँ आत्मा मने कांकड़ में लेगी, वटे में एक लुगई ने लाल रंग का डरावणा जनावर पे बेटी तकी देकी, ओ जनावर परमेसर का विरोद में बोलबा सबदाऊँ भरियो हो। वींके हात माता अन दस हिंगड़ा हा।