8 वाँका लास वीं मोटा नगर का चोक में पड़ी रेई, जटे वाँका परबू ने हूळी पे लटकाया हा। ईं नगर ने ईंकी बुरई का वजेऊँ सदोम अन मिसर का नामऊँ भी बोल्यो जावे हे।
यद्याँ ईं मनक भटक जावे, तो अणाको मन फेरान पाच्छा परमेसर का गेला पे लाणा घणा अबका हे। काँके ईं परमेसर का बेटा ने आपणाँ वाते पाछो हूळी पे चड़ावे हे अन वींने परगट करन वींको अपमान करे हे।
यो भी आद अवाड़ूँ हूँ के, सदोम अन अमोरा नगर ने अन वाँके नके का नगराँ का मनकाँ ने जीं कुकरम करता हा अन बुरा काम का गेले चालता हा। परमेसर वाँने कदी ने बजबा वाळी वादी में नाकन वाँने दण्ड दिदो अन या बात आपणाँ वाते हिक बणी।
धरती का हाराई देसा का थोड़ाक मनक, हारी बोली बोलबावाळा मेंऊँ थोड़ाक मनक, हारी गोताँ का थोड़ाक मनक वाँका लास ने हाड़ा तीन दनाँ तईं देकी, वीं वाँकी लास ने कबर में ने मेलबा देई।
वींके केड़े दूज्यो हरग-दुत आन केबा लागो, “वीं मोटा नगर बाबुल को नास वे चुक्यो हे, वींको नास वे चुक्यो हे। अणी नगर हाराई मनकाँ ने आपणाँ कुकरम की वासना को दाकरस पायो हो।”
अन मोटा नगर का तीन टुका वेग्या अन पापी मनकाँ का हाराई नगर नास वेग्या। परमेसर बाबुल नगर ने दण्ड देबा का वाते आद किदो, जणीऊँ वीं वींने आपणाँ गुस्साऊँ भरिया तका दाकरस का प्यालो पावे।
वणी जोरऊँ हेला पाड़न क्यो के, “बाबुल नगर धड़ग्यो, ओ नगर तो धड़ग्यो। ओ नगर हरेक तरियाँ की हुगली आत्मा को, हाराई असुद पकसी को अन काकड़ का बुरा जनावर को अडो बणग्यो हे।
“अणा बाताँ का केड़े में एक जोरावर हरग-दुत ने चक्की का पाट की जस्यान की मोटी छाँट तोकन वींने समन्द पे फेंकते तके क्यो, “यो बाबुल नगर भी, ईं छाँट का जस्यान फेंक दिदो जाई। अन पाछो कदी ने लादी।