13 वीं टेम में एक जोरऊँ भूकम आयो, जणीऊँ नगर को दसमो भाग धड़ी ग्यो, अन वीं भूकमऊँ हात हजार मनक मरग्या, बाकी मनक दरपग्या अन वणा हरग का परमेसर की मेमा किदी।
ईंका केड़े परमेसर का मन्दर ने जो हरग में हे वींने खोल्यो ग्यो, अन वीं मन्दर में मने वादा वाळी पेटी दिकई दिदी। वींके केड़े विजळी चकमवा लागी अन कड़कवा की अवाज हुणई देबा लागी अन वादळा गाजबा लाग्यो, अन भूकम आबा लागो अन गड़ा पड़बा लागा।
वो जोरऊँ बोलरियो हो, “परमेसरऊँ दरपो अन वाँकी जे-जेकार करो। काँके वाँके न्याव करबा को टेम आग्यो हे। वींका भजन गावो करो। ज्यो धरती, आकास, समन्द अन पाणी का हीरा ने बणई हे।”
परबू थाँकाऊँ हाराई मनक दरपता रेई। हाराई मनक थाँको नाम लेन जे-जेकार करी, काँके खाली थाँईस पुवितर हो। हारी जात्या का मनक थाँका नके भेळा व्या हे वीं थाँकी भगती करी। काँके थाँका किदा तका काम हामे हे, अन हो परबू थाँ ज्या भी करो हो, वो न्याव हे।”