11 पण हाड़ा तीन दनाँ का केड़े परमेसर की जीवन की आत्मा वाँके मयने परीगी, जणीऊँ वीं आपणाँ पगा पे उठा वेग्या, जणा भी वाँने देक्या, वीं घणा दरपग्या।
आ बात पे हारी विस्वास्याँ की मण्डली का लोग अन जणी भी वींका बारा में हुण्यो, वे दरपग्या।”
ईं बाताँ हुणन हनन्या जमीं पे पड़्यो अन मरग्यो। जणा भी लोगाँ ईंका बारा में हुण्यो वे दरपग्या।
अन यद्याँ वाईस आत्मा जणी ईसू मसी ने मरिया तकाऊँ जीवतो किदो हे, थाँका मयने वास करे हे, तो वो जणी ईसू ने मरिया तकाऊँ जीवतो किदो हे, थाँकी नास वेबावाळी देह ने आपणी आत्माऊँ ज्या थाँका मयने वास करे हे, जीवाई।
काँके ईसू मसी में जीवन देबावाळा आत्मा का नेम मने पाप अन मोत का नेमाऊँ छुटकारो देवे हे।
वीं टेम में एक जोरऊँ भूकम आयो, जणीऊँ नगर को दसमो भाग धड़ी ग्यो, अन वीं भूकमऊँ हात हजार मनक मरग्या, बाकी मनक दरपग्या अन वणा हरग का परमेसर की मेमा किदी।
धरती का हाराई देसा का थोड़ाक मनक, हारी बोली बोलबावाळा मेंऊँ थोड़ाक मनक, हारी गोताँ का थोड़ाक मनक वाँका लास ने हाड़ा तीन दनाँ तईं देकी, वीं वाँकी लास ने कबर में ने मेलबा देई।