अन मूँ कई देकूँ हूँ के, मारा हामे एक धोळो वादळा हे अन वींके ऊपरे एक मनक बेट्यो तको वो मनक का पूत का जस्यान को दिकरियो हो, वणी आपणाँ माता में होना को मुकट पेर मेल्यो हो अन वींका हात में एक धार दिदी तकी दाँतळी ही।
“इपिसुस की मण्डली का दुताँ ने ओ संदेस लिक। जणी हातई तारा आपणाँ जीमणा हात में ले राक्या हे अन होना का हातई दिवा का बचमें में फरे हे वो अस्यान केवे हे के,