13 ओ भायाँ, मारी आ मनसा कोयने के मूँ जीत चुक्यो हूँ, पण बेस ओ एक काम करूँ हूँ के, ज्यो बाताँ पाच्छे रेगी हे वाँने भूलन, आगे का चिजाँ ने पाबा का वाते कल्ड़ी मेनत कररियो हूँ।
अबे आगेऊँ आपाँ कणी भी मनक को ईं दनियाँ की रीत जस्यान न्याव ने कराँ। जद्याँ एक टेम आपाँ मसी को भी दनियाँ की रीत के जस्यानीस न्याव किदो हो, पण अबे कई भी वे आपाँ वींने अस्यान ने देकाँ।
बेस अणा बाताँइस ने पण हारी बाताँ ने मारा परबू ईसू मसी ने जाणणो, ज्यो घणो मोटो हे, वींका हामे वल हमजूँ हूँ। वीं मसी का वाते में हारी चिजाँ ने छोड़ दिदी अन वाँने कचरो हमजूँ हूँ, ताँके मूँ मसी ने पाबा को नफो पा सकूँ
ईं वाते आवो, मसी की हिक की सरुआत की बाताँ ने छोड़न आपाँ पाका वेबा का वाते आगे बड़ता जावा। अन आपाँ सरुआत की हिक की नीम पाच्छी ने नाका, जस्यान के, मोत का आड़ी लेजाबावाळा कामाँऊँ मन फेरणो, अन परमेसर पे विस्वास करणो,