पछे थोड़ाक आगे जान वे धरती पे उन्दो पड़न परातना किदी, “ओ मारा बाप, यद्याँ वे सके तो या दुक को प्यालो माराऊँ छेटी वे जावे, तो भी मूँ छावूँ जस्यान ने, पण जस्यान थूँ छावे वस्यानीस वेवे।”
कुई भी माराऊँ मारो जीवन ने ले सके, पण मूँ खुदई दी देऊँ हूँ। मने ईंने देबा को हक हे अन पाछो लेबा को भी हक हे। परमेसर मने अस्यान करबा का वाते आग्या दिदी हे।”
काँके थाँ आपणाँ परबू ईसू मसी की दया ने तो जाणोइस हो अन थाँ ओ भी जाणो हो के, वीं अमीर वेता तका भी थाँका वाते गरीब बणग्या। जणीऊँ वाँकी गरीबीऊँ थाँ अमीर वे जावो।
विस्वास का मालिक अन वींने सिद करबावाळा ईसू मसी का आड़ी आपाँ देकता रा। जणी आपणाँ हामें राक्या तका आणन्द का वाते लाज-सरम की चन्ता ने किदी अन हूळी पे दुक जेल्यो अन परमेसर की गादी के जीमणे पाल्डे जान बेटग्यो।
काँके मसी भी आपणाँ पापाँ का वाते दुक जेल्यो हो। ईंको मतलब ओ हे के, वो निरदोस हो तो भी वो आपणाँ पाप का वाते एक दाण मरग्यो, जणीऊँ वो आपाँने परमेसर का नके ले जावे। वो देह का रूप में तो मरग्यो, पण आत्मिक रूप में जिवायो ग्यो हे।