हो विस्वासी भायाँ, आपणाँ परबू ईसू मसी का नाम में मारी थाँकाऊँ विनती हे के, थाँ हाराई एकीस बात केवो, थाँकामें कई भी फुट ने वेवे, एकीस मन अन एकीस मत वेन मल्या तका रेवो।
हो विस्वासी भायाँ, मूँ अणा आकरी सबदा का हाते अणी कागद ने बन्द कररियो हूँ, राजी रिया करो, थाँका वेवार ने बदलो, एक-दूँजा ने हिम्मत बंदावो, सान्ती अन मेल-मिलापऊँ रो, तद्याँ परमेसर ज्यो परेम अन सान्ती का दाता हे थाँका हाते रेई।
अन वींके अटे आबाऊँ थाँ वींको हव आदर मानन वींने सक दिदो जणीऊँ माँने ओरी भी हेली हिम्मत मली। वणी माँने बतायो हो के, ज्यो थाँ किदो हो वींका वाते थाँ दकी हो अन थाँ माराऊँ मलबा का वाते कतरा आकताँ हो अन थाँ मारी चन्ता करो हो अस्यान हुणन माँने ओरू भी खुसी वीं।
जद्याँ थाँ जीवन देबावाळा परमेसर का बचन ने लेवो, तो मसी का पाच्छा आबा के दन में मने बड़ई करबा को मस वे के, हव-हमच्यार ने फेलाबा को मारो काम अन मारी मेनत वल ने वी।