वाँकाऊँ मती दरपो, ज्यो बेस थाँने मार कर सके हे पण थाकी आत्माने नास ने सके हे, बेस वीं परमेसरऊँ दरपज्यो ज्यो सरीर अन आत्मा दुयाँ ने नरक में नाकन नास कर सके हे।
अन यद्याँ आपाँ वींकी ओलाद हा, तो परमेसर का वारिस अन मसी का हाते पांतीदार भी हा। अन यद्याँ हाँची में आपाँ वींके हाते दक-सक में पांतीदार हा, तो वींके हाते आपाँने भी मेमा भी पांतीदार हा।
थाँ ओ भी जाणो हो के, थिस्सुलुनिक्यों आबाऊँ पेल्याँ फिलिप्पी नगर में माँ दुक उटायो अन बेजत व्या, पछे भी माँने परमेसर का आड़ीऊँ अस्यान की हिम्मत मली के, थाँने हव हमच्यार हूणावाँ।
जो दुक थने जेलणो हे वणीऊँ मती दरप, काँके सेतान थाँका मेंऊँ घणा ने परकबा का वाते जेल में नाक देई। थने वटे दस दनाँ तईं दुक जेलणो पड़ी, पण थूँ हाँचो रेज्ये पलई थाँरी मोत ईं कानी वे जावे। तो मूँ थने जुग-जुग का जीवन को मुकट देऊँ।