48 जटे किड़ो ने मरे, जटे वादी कदी ने बजे।
“तद्याँ वो डावा पाल्ड़े वाळाऊँ केई, ‘हो हरापवाळा मनकाँ, मारा हामेंऊँ वीं कदी ने बजबा वाळी वादी में पड़ जावो, ज्या सेतान अन वींका दुताँ का वाते त्यार किदी गी हे।
वींका हाताँ में वींको हुपड़ो हे जणीऊँ वो धानऊँ हुंकला ने अलग करी अन आपणाँ खेत मेंऊँ होजा किदो तका गव भेळा करन, कोठा में भरी अन हुंकला ने वीं वादी में बाळी, ज्याँ कदी ने बजे हे।”
“जस्यान के एक बली ने लूण छाँटन वींने उजळो करी, वस्यानई हारई मनकाँ ने दुक की वादीऊँ उजळो करी।
वींको छाणो वींका हाताँ में हे अन वो आपणाँ खळा ने हव तरियाऊँ साप करी। वो धान ने बकारी में नाकी पण, डन्कळ्याँने कदी ने बजबा वाळी वादी में बाळ देई।”