वीं परदेसऊँ एक लुगई अई ज्या कनानी जात की ही अन वाँ कल्ड़ो हाका-भार मेलन केबा लागी, “हो परबू जी! दाऊद का पूत, मारा पे दया कर! मारी बेटी ने हुगली आत्मा घणी सता री हे।”
जदी या हुगली आत्मा वींने धँधुणती, तो वा ईंने जमीं पे नाक दे अन ईंका मुण्डाऊँ जाग निकळे अन यो दाँत पीसबा लाग जावे अन कल्ड़ो वे जावे। में थाँरा चेलाऊँ ईं हुगली आत्माने बारणे निकाळबा के वाते परातना करई। पण, वीं ईंने ने निकाळ सक्या।”
जदी वी छोरा ने वाँका नके लाया। अन जस्यानीस हुगली आत्मा ईसू ने देक्यो, तो वीं छोरा ने कल्ड़ो कर दिदो। वो नीचे पड़ग्यो अन तड़पबा लागो। वींका मुण्डामूँ जाग निकळबा लागा।