पछे जदी वींका ग्यारई चेला रोट्याँ खारिया हा, ईसू वाँका मुण्डागे परगट व्या अन वे वाँने वाँका बना विस्वास, कल्डा मन के वाते फटकारिया, काँके वणा वाँका हमच्यार को विस्वास ने किदो हो, जणा ईसू ने जीवता व्या केड़े देक्या हा।
जदी या हुगली आत्मा वींने धँधुणती, तो वा ईंने जमीं पे नाक दे अन ईंका मुण्डाऊँ जाग निकळे अन यो दाँत पीसबा लाग जावे अन कल्ड़ो वे जावे। में थाँरा चेलाऊँ ईं हुगली आत्माने बारणे निकाळबा के वाते परातना करई। पण, वीं ईंने ने निकाळ सक्या।”
जदी वी छोरा ने वाँका नके लाया। अन जस्यानीस हुगली आत्मा ईसू ने देक्यो, तो वीं छोरा ने कल्ड़ो कर दिदो। वो नीचे पड़ग्यो अन तड़पबा लागो। वींका मुण्डामूँ जाग निकळबा लागा।