34 पछे, ईसू भी आपणाँ चेला की लारे मनकाँ की भीड़ ने बलई अन वाँने क्यो, “जदी कुई मारी लारे आणो छावे, तो वो आपणाँ खुद ने भुल जाई अन आपणी हूळी लेन मारा पाच्छे अई जावे।
ईसू हुदा वींका आड़ी नाळ्या अन वींने लाड़ऊँ देकन क्यो, “थने एक ओरी काम करणो हे, ज्यो भी थाँरा नके हे, वींने बेचन गरीबा में बाँट दे। हरग में थने खजानो मली, पछे थूँ आ अन मारा पाच्छे वेजा।”
ओ हूँणन ईसू वींने क्यो, “थाँरा में अबे भी एक कमी हे। आपणी हारी धन-दोलत ने गरीबा में बाँट दे अन पाछो आने मारे पाच्छे चाल थने हरग में धन-दोलत को खजानो मली।”
काँके आपाँ ओ जाणा हा के, आपाँ आपणो पुराणो जीवन ईसू का हाते हूळी पे चढा दिदो हो, ताँके पापऊँ भरी आपणी देह नास वे जावे। अन आपाँ आगे पाप का दास ने बण्या रे सका।
अन यद्याँ आपाँ वींकी ओलाद हा, तो परमेसर का वारिस अन मसी का हाते पांतीदार भी हा। अन यद्याँ हाँची में आपाँ वींके हाते दक-सक में पांतीदार हा, तो वींके हाते आपाँने भी मेमा भी पांतीदार हा।
मूँ अबे जीवतो कोयने हूँ, पण मूँ ईसू मसी में जीवतो हूँ अन मूँ अणी देह में जीवतो हूँ तो बेस ईसू पे विस्वास करबा का मस जीवतो हूँ, ज्यो परमेसर को बेटो हो अन वणी माराऊँ अतरो परेम किदो के, आपणाँ खुद ने मारा वाते दे दिदो।
ईसू मसी आपाँ वाते आपणाँ जीवन त्याग कर दिदो हो, ईं वजेऊँ आपाँ जाण सका हाँ के, परेम कई हे? ईं वाते आपाँने भी आपणाँ भायाँ वाते जान भी देणी का वाते त्यार रेणो छावे।
जो दुक थने जेलणो हे वणीऊँ मती दरप, काँके सेतान थाँका मेंऊँ घणा ने परकबा का वाते जेल में नाक देई। थने वटे दस दनाँ तईं दुक जेलणो पड़ी, पण थूँ हाँचो रेज्ये पलई थाँरी मोत ईं कानी वे जावे। तो मूँ थने जुग-जुग का जीवन को मुकट देऊँ।