32 वणा वाँने या बात हाँची बता दिदी। पछे पतरस वींने एक आड़ी लेग्यो अन तापड़्यो।
ईंपे पतरस वींने दूजी आड़ी लेजान तापड़्यो अन क्यो, “हो परबू, परमेसर ओ ने करे! थाँका हाते अस्यान कदी भी ने वेई।”
पण, ईसू नाव का पाला हिस्सा में हराणो लगान हूरिया हा। चेला वाँने जगान क्यो, “ओ गरुजी, थाँने कई होच कोयने? आपाँ डूबरया हा।”
वणी दाण तरिया-तरिया की त्यारी करता तकी मारता घबरागी अन वाँ ईसू का नके आन बोली, “ओ परबू जी, कई थाँने चन्ता ने हे के, मारी बेन मने सेवा करबा का वाते एकलीई छोड़ दिदी हे। अणी वाते वणीऊँ क्यो, मारी मदत करे।”
तद्याँ यहूदी लोगाँ वाँके च्यारूँमेर ऊबा वेन अन वाँकाऊँ क्यो, “थूँ कटा तईं माँने भेंम में राकी? यद्याँ थूँ मसी हे तो माने सई-सई बता दे।”
तो ईसू वाँकाऊँ हुदोई के दिदो, “लाजर मरग्यो हे।
“में ईं बाताँ थाँकाऊँ केण्याँ में किदी हे। पण वाँ टेम आरी हे के, मूँ थाँकाऊँ पाच्छी केण्याँ में बाताँ ने करूँ। पण खुलन थाँने बाप का बारा में बताऊँ।
वाँका चेला क्यो, “देको, अबाणू थाँ खुलन बाताँ केरिया हो अन कुई केणी ने केरिया हो।
ईसू वाँने क्यो, “में हाराऊँ खुलन बाताँ किदी। में परातना घर अन मन्दर में, जटे हारई मनक भेळा व्या करता हा। वटे हरदाण हिक दिदी अन छाने कई भी ने क्यो।