30 पछे वणा वाँने या चेतावणी दिदी के, “थाँ मारा बारा में ओ किंने भी मती केज्यो।”
तद्याँ वाँकाणी चेला ने हेंचेत किदा के, “किंने भी मती किज्यो के मूँ मसी हूँ।”
ईसू वणीऊँ क्यो, “देक, ईंका बारा में किंने केज्ये मती पण जान आपणाँ खुद ने याजकाँ ने बता अन ज्या बोलमा मूसे चढाबा के वाते बतई हे वींने चढा, जणीऊँ मनकाँ ने यो सबूत मल जावे के, थाँरो कोड़ जातो रियो।”
पछे ईसू लोगाँ ने आदेस दिदो के, यो किंने भी बताज्यो मती, पण वणा मनकाँ ने जतरा ढाबया, वणा वतरोई वणी बात को हेलो परच्यार कर दिदो।
पछे ईसू वींने घरे खन्दाता तका क्यो, ईं गाम में जाज्ये मती।
जदी वी मंगराऊँ रेटे उतरिया हा, वी दाण ईसू वाँने आदेस दिदो, “थाँकाणी ज्यो भी देक्यो, वो हारोई दूजाँ ने मत बताज्यो, जतरे तईं मनक को पूत(ईसू) मरन पाछो जीवतो ने वेजावे।”
तद्याँ ईसू वाँने चेतान क्यो के, “यो थाँ किंने भी मती केज्यो।”